रावण की अयोध्या
आज राम की नहीं रावणों की अयोध्या हो रही है
क्योंकि रावणों की ही मनमरजी से ही अयोध्या चल रही है
जो जितना दुष्ट ,भ्रष्ट,पापी ,धोखेबाज है
उतना ही बड़ा राजा ,नेता और धर्मराज है
मर्यादा पुर्षोत्तम राम तो अब नादान है
उसकी मर्यादा,ईमान,का नहीं कोई कद्रदान है
आज ऐसे इंसान बेवकूफ कहलाते हैं
आज ऐसे इंसान बेवकूफ कहलाते हैं
उनकी इमानदारी और उसूलों का सब मजाक उडाते हैं
माता पिता की आज्ञा नहीं मानने में अपनी शान समझते हैं
उनको वृदा आश्रम भेजने से भी नहीं हिचकते हैं
पैसा भगवान् हो रहा है ,हर कोई उसका गुलाम हो रहा है
रिश्तों की यहाँ कोई बहुत कीमत नहीं रह गई
अहम् ,जलन ,धोखेबाजी जैसी बुराइयाँ अजीज हो गई
भाई भाई के चरण छूने की जगह गला काट रहे हैं