tag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post5468258754383400196..comments2023-09-29T06:16:12.798-07:00Comments on prerna ki kalpanayen: समाज का डरprerna argalhttp://www.blogger.com/profile/11905363361845183539noreply@blogger.comBlogger43125tag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-49905032647397690212011-07-01T18:36:24.420-07:002011-07-01T18:36:24.420-07:00दर्द यह है की ,सदियों से प्रवचन ,प्रेरणा ,उपदेस सु...दर्द यह है की ,सदियों से प्रवचन ,प्रेरणा ,उपदेस सुनते ,सुनाते रहे हैं , हमारी प्रतिवद्धता कितनी रही हैं ,सरोकार कितना रहा है , यह लक्षित नहीं कर पाए हैं .कहाँ कमी रह गयी ,खोजना होगा ........ अच्छा विश्लेषण .....साधुवाद जी /udaya veer singhhttps://www.blogger.com/profile/14896909744042330558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-58537938563417530822011-06-20T01:49:31.554-07:002011-06-20T01:49:31.554-07:00प्रेरणा अर्गल जी साधुवाद -बहुत ही प्यारी रचना समाज...प्रेरणा अर्गल जी साधुवाद -बहुत ही प्यारी रचना समाज के डर से हम किस कदर भ्रमित हैं बोझिल हैं दर्द झेल रहे हैं सब क्षेत्रों को आप ने इस में समाहित किया एक बहुत ही शिक्षा प्रद रचना अंत में सुन्दर आवाहन -काश लोग इस पथ पर चल पड़ें -बधाई हो <br /><br />समाज हमसे है हम समाज से नहीं <br />बुराइयों को छोडकर अच्छाइयों को अपनाओं<br />शिक्षित समाज में नई रीतियों को बनाओ<br />पुराने समाज की पुरानी कुरीतियों को भूल जाओ <br /><br />शुक्ल भ्रमर ५Surendra shukla" Bhramar"5https://www.blogger.com/profile/11124826694503822672noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-26251959710085186802011-06-09T01:51:58.773-07:002011-06-09T01:51:58.773-07:00कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका
ब...कई दिनों व्यस्त होने के कारण ब्लॉग पर नहीं आ सका<br />बहुत देर से पहुँच पाया ....माफी चाहता हूँ..संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-53723636371765438882011-06-09T01:51:49.080-07:002011-06-09T01:51:49.080-07:00बहुत ही सार्थक प्रश्न उठाये हैं आपने ।
सच को उजागर...बहुत ही सार्थक प्रश्न उठाये हैं आपने ।<br />सच को उजागर करती सटीक एवं सार्थक अभिव्यक्ति ।संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-19757922024349566732011-06-08T14:22:42.797-07:002011-06-08T14:22:42.797-07:00sarthak aur sandesh deti sochne pr mazbur karti ka...sarthak aur sandesh deti sochne pr mazbur karti kavita badhai<br />rachanaRachanahttps://www.blogger.com/profile/15249225250149760362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-52316547996668614532011-06-08T09:05:59.360-07:002011-06-08T09:05:59.360-07:00सबसे बडा रोग
क्या कहेंगे लोगसबसे बडा रोग<br />क्या कहेंगे लोगBrijmohanShrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04869873931974295648noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-77918242531396452152011-06-07T07:38:23.215-07:002011-06-07T07:38:23.215-07:00सन्देश देती हुई बहुत बढ़िया रचना!सन्देश देती हुई बहुत बढ़िया रचना!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-48909213485095556022011-06-07T03:12:15.918-07:002011-06-07T03:12:15.918-07:00sarthak sandesh deti hui kavita . pahali baar yaha...sarthak sandesh deti hui kavita . pahali baar yahan tak pahunchi hoon, bahut achchha laga.रेखा श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/00465358651648277978noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-29939622867222201072011-06-06T18:56:17.806-07:002011-06-06T18:56:17.806-07:00समाज में व्याप्त कुरीतियों पर करारी चोट है आपकी पो...समाज में व्याप्त कुरीतियों पर करारी चोट है आपकी पोस्ट , कुछ तो समझेंगे हम , बधाईAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/18094849037409298228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-11738962295428537632011-06-06T10:13:04.101-07:002011-06-06T10:13:04.101-07:00Sacchi aur sarthak rachna..Dhanyabaad..Sacchi aur sarthak rachna..Dhanyabaad..Atul kushwahhttps://www.blogger.com/profile/01744203037380985329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-5246415788651817492011-06-06T08:58:17.428-07:002011-06-06T08:58:17.428-07:00कड़वा सच लिखा है, बधाई.कड़वा सच लिखा है, बधाई.Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-75862007111558204462011-06-06T07:14:23.777-07:002011-06-06T07:14:23.777-07:00."समाज के दर से "अच्छी प्रस्तुति .और अमू...."समाज के दर से "अच्छी प्रस्तुति .और अमूर्त समाज मूर्त व्यक्ति पर किस तरह और क्यों बरपा है मैं आज तक समझ नहीं पाया ,क्योंकि ये समाज कब किसके काम आया.virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-1454484344438527592011-06-06T06:55:51.202-07:002011-06-06T06:55:51.202-07:00अच्छी बातो की क़द्र होनी चाहिए !अच्छी बातो की क़द्र होनी चाहिए !G.N.SHAWhttps://www.blogger.com/profile/03835040561016332975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-23978602183898023602011-06-06T05:27:28.069-07:002011-06-06T05:27:28.069-07:00सही कहा आपने, अपनी झूटी शान-ओ-शोकत को हम दुनिया के...सही कहा आपने, अपनी झूटी शान-ओ-शोकत को हम दुनिया के डर का रूप दे देते हैं ! सार्थक रचना !<br />मेरी नयी पोस्ट पर आपका स्वागत है : <a href="http://blinddevotion.blogspot.com/2011/06/blinddevotion-post_06.html" rel="nofollow" title="Blind Devotion Blog - Love, Affection and Admiration for Someone">Blind Devotion - स्त्री अज्ञानी ?</a>Sachin Malhotrahttps://www.blogger.com/profile/03009133788693822541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-984371999758147742011-06-05T23:03:03.818-07:002011-06-05T23:03:03.818-07:00बहुत ही सार्थक पोस्ट और प्रेरणा दाई भी आभारबहुत ही सार्थक पोस्ट और प्रेरणा दाई भी आभाररचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-6147035949974289912011-06-05T11:02:28.886-07:002011-06-05T11:02:28.886-07:00सार्थक सन्देश देती हुई अच्छी रचनासार्थक सन्देश देती हुई अच्छी रचनाअरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-15437137865779930972011-06-05T10:12:47.592-07:002011-06-05T10:12:47.592-07:00समाज में फैली कुरूतियों पर करारा प्रहार, सार्थक सन...समाज में फैली कुरूतियों पर करारा प्रहार, सार्थक सन्देश देती हुई रचना......Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-48455104410342394232011-06-05T05:03:41.569-07:002011-06-05T05:03:41.569-07:00सच्चाइओ ...से रूबरू कराती हुई ...मेरे ब्लॉग पे भी ...सच्चाइओ ...से रूबरू कराती हुई ...मेरे ब्लॉग पे भी पधारे आपका इंतज़ार है ...//babanpandeyhttps://www.blogger.com/profile/17780357103706948852noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-36134637448621075472011-06-05T02:31:59.979-07:002011-06-05T02:31:59.979-07:00bahut acche vichaar hain aapke....bahut acche vichaar hain aapke....राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ )https://www.blogger.com/profile/07142399482899589367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-85984253123130343652011-06-04T23:31:04.995-07:002011-06-04T23:31:04.995-07:00क्यूँ डरते हैं हम समाज से? शायद आत्मविश्वास कि कम...क्यूँ डरते हैं हम समाज से? शायद आत्मविश्वास कि कमी और अलग-थलग पद जाने का डर । कुरीतियों का विरोध जरूरी है। बहुत सुंदर और यथार्थवादी , विचारोत्तेजक रचना। धन्यवाद ।रजनीश तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/10545458923376138675noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-10900731204569842182011-06-04T18:59:52.030-07:002011-06-04T18:59:52.030-07:00एक सार्थक भाव को आपने स्पष्टता से रखने की सफल कोशि...एक सार्थक भाव को आपने स्पष्टता से रखने की सफल कोशिश की है. सुन्दर प्रस्तुति प्रेरणा जी. अचानक इन पंक्तियों की याद आई-<br /><br />टी वी पर एक तरफ दिखलाया जाता है महिलाओं का शोषण<br />तो दूसरी ओर दिखलाया जाता है महिला मुक्ति आन्दोलन<br />महिला मुक्ति आंदोलन का समाज पर इतना प्रभाव है<br />की जन्म से पहले ही "मुक्ति" का प्रस्ताव है<br /><br />सादर<br />श्यामल सुमन<br />+919955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-31273213322325335932011-06-04T11:00:48.106-07:002011-06-04T11:00:48.106-07:00वाह प्रेणना जी ! वाह...किन शब्दों में इस अप्रतिम र...वाह प्रेणना जी ! वाह...किन शब्दों में इस अप्रतिम रचना की प्रशंशा करूँ...बेजोड़..<br />आपने अपनी कविता के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों पर करार प्रहार किया है आप का कहना बिलकुल सही है | बहुत सी बातें ऐसी हैं की जिन्हें हम जानते हैं की यह गलत है किन्तु फिर भी समाज के डर से उसे करने को मजबूर होते हैं | इतनी तीखी और सत्य बेबाक उदघोष के लिए आप बधाई के पात्र हैं |<br />चलिए ये जान कर ख़ुशी हुई की मेरे जैसे और भी दीवाने हैं इस दुनिया में जो सत्य को खुले रूप से कह सकने का ताकत रखते हैं | कृपया यही हौसला आगे के पोस्ट में भी बनाए रखिये |<br /> आपको मेरी हार्दिक शुभ कामनाएंमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-76562094554073409492011-06-04T11:00:11.741-07:002011-06-04T11:00:11.741-07:00वाह प्रेणना जी ! वाह...किन शब्दों में इस अप्रतिम र...वाह प्रेणना जी ! वाह...किन शब्दों में इस अप्रतिम रचना की प्रशंशा करूँ...बेजोड़..<br />आपने अपनी कविता के माध्यम से समाज में व्याप्त कुरीतियों पर करार प्रहार किया है आप का कहना बिलकुल सही है | बहुत सी बातें ऐसी हैं की जिन्हें हम जानते हैं की यह गलत है किन्तु फिर भी समाज के डर से उसे करने को मजबूर होते हैं | इतनी तीखी और सत्य बेबाक उदघोष के लिए आप बधाई के पात्र हैं |<br />चलिए ये जान कर ख़ुशी हुई की मेरे जैसे और भी दीवाने हैं इस दुनिया में जो सत्य को खुले रूप से कह सकने का ताकत रखते हैं | कृपया यही हौसला आगे के पोस्ट में भी बनाए रखिये |<br /> आपको मेरी हार्दिक शुभ कामनाएंमदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-11876508351788439772011-06-04T07:18:23.229-07:002011-06-04T07:18:23.229-07:00बहुत सार्थक सन्देश..बहुत सार्थक सन्देश..Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4998108730108017536.post-67872783698894700212011-06-04T05:25:03.690-07:002011-06-04T05:25:03.690-07:00गम्भीर सत्य
विवेक जैन vivj2000.blogspot.comगम्भीर सत्य<br /><a href="http://vivj2000.blogspot.com/" rel="nofollow"><b> विवेक जैन </b><i>vivj2000.blogspot.com</i></a>Vivek Jainhttps://www.blogger.com/profile/06451362299284545765noreply@blogger.com