जीवन चक्र
जीवन निरंतर गति से अपने पथ पर है अग्रसर
उसके अन्दर है हमारी खट्टी मीठी यादों का समुन्दर
समुंदर की लहरों का आवागमन है चलायेमान
हमारे जीवन का उतार-चदाव, सुख-दुःख भी है उसी के सामान
खिलखिलाते निश्चिन्त बचपन की यादें अनमोल
खिलखिलाते निश्चिन्त बचपन की यादें अनमोल
परिवार के साथ पल-पल गुज़ारे लम्हें बेमोल
वो नवयोवन आने का मधुर-मधुर आभाश
वो नवयोवन आने का मधुर-मधुर आभाश
शारीरिक परिवर्तन और जिज्ञासाओं से भरा एह्सास
सुन्दर-सुन्दर सपनों मैं डूबा मन मदहोश
दुनिया को अपनी मुट्ठी मैं करने का जोश
प्रत्येक सुख-दुःख मैं उसका साथ निभाना
फिर यह जीवन सिर्फ अपना नहीं विभिन्न रूपों मैं बट जाना
ज़िन्दगी की नयी जिम्मेदारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाना
जीवन का पहिया निर्वाध रूप से इसी तरह चलते जाना
यही है हमारे जीवन चक्र का सार
जिसमे रचा-बसा है हमारे सुख-दुःख का भंडार
9 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दरता से वर्णन किया है जीवन चक्र का ...!!
इसी तरह अग्रसर होता रहे ..
शुभकामनाएं .
जीवन चक्र को बखूबी रेखांकित किया है आपने.
सादर
फिर यह जीवन सिर्फ अपना नहीं विभिन्न रूपों मैं बट जाना
ज़िन्दगी की नयी जिम्मेदारियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाना
जीवन को बहुत सुंदर शब्दों के माध्यम से परिभाषित किया किया है आपने .....आपकी कविता जीवन को नए अर्थ और नया स्वरूप देती है .....आपका आभार इस सुंदर और सार्थक रचना के लिए आशा है आप अपने लेखन से ब्लॉग जगत को समृद्ध करते रहेंगे ......हार्दिक शुभकामनायें
आपका आमंत्रण स्वीकार "जीवन चक्र " यहाँ ले आया . सुन्दर वर्णन . तराश होने पर हीरे सा चमकेगा , लिखना जारी रखें . विचार की बहुत गहरे है आपके लेखन में .
बहुत ही सुंदर और भावमयी प्रस्तुति....शुभकामनाएं।
JIVAN KO AAPNE BAKHOOBI SAMJHA HAI.
............
ब्लॉdग समीक्षा की 12वीं कड़ी।
अंधविश्वास के नाम पर महिलाओं का अपमान!
खूबसूरती से बयाँ किया है जीवन चक्र को ...
कृपया टिप्पणी बॉक्स से वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
बहुत ही सुंदर प्रस्तुति....
वाह, बहुत सुंदर
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