बुधवार, 29 दिसंबर 2010

nayaa varsh

नया वर्ष नयी उमंगों नए श्रृंगार के साथ 
धीरे-धीरे प्रवेश करने जा रहा है 
नए सपने , नयी आशाओं , नयी उमीदों के साथ 
हमारे जीवन को महकाने आ रहा है 
पुराने वर्ष की अच्छी यादों को मन में संजोये 
हमें नए वर्ष का बाहें फैला कर स्वागत करना है 
पुराने वर्ष में बहुत कुछ खोया,बहुत कुछ पाया 
अब यह वर्ष हमें जीवन में दुबारा नहीं मिलना है 
जो बीत गया सो बीत गया 
अब आगे की सुधि लीजिये 
अपने आने वाले कल को 
खुशियों और आशाओं से संजो लीजिये 
जैसा सोचेंगे वैसा ही पायेंगे 
अपने अधूरे सपनो को पूर्ण कर लेंगे 
सपने देखिये वो हमेशा सच होते हैं 
आप को जीवन जीने की प्रेरणा देते हैं 
नया वर्ष आप सबको मंगलमय हो 
बस यही कामना करते हैं 
नए वर्ष की आप सबको 
बहुत सारी शुभकामनाएं देते हैं
HAPPY NEW YEAR 2011 

सोमवार, 20 दिसंबर 2010

chunaavi kalaabazi

चुनाव की ऐसी है कलाबाजी 
पता नहीं कौन जीत ले कब बाज़ी 
राजनीति के अखाड़े में सभी पार्टियाँ 
जौहर दिखा रहीं थी 
हर तरह के उलटे-सीधे 
दावं-पेंच आजमा रही थी 
चुनावी भाषण में नेता 
एक दुसरे के खिलाफ बोल रहे थे 
आपस मै ही दोनों अपनी-अपनी पोले खोल रहे थे
चोर-चोर मौसेरे भाई बन रहे है 
खुले आम जनता की खाई खोद रहे है 
सबको अपनी-अपनी पड़ी हुई है 
देश की जनता बेवकूफ बनी खड़ी हुई है 
दस सालों के बाद कांग्रेस सत्ता में आई है 
पता नहीं इसमें देश की कितनी भलाई है 
दस साल के भूके पहले अपना पेट भरेंगे
उसके बाद जाकर कहीं देश की सोचेंगे 
चुनावी कलाबाजी से होता है केवल एक ही फायदा 
पुराने नेता फिर सता में आकर दुहराते है अपना वायदा
चुनावी कलाबाजी से हमेशा पार्टी तो बदलेगी
परन्तु इस देश की हालत कभी नहीं सुधरेगी
इतने सालों से जनता धोखा खा रही है 
परन्तु उसे अक्ल फिर भी नहीं आ रही है 
देश का हो रहा है सत्यानाश 
जनता झेल रही है विनाश 
ख़तम करो ये पार्टी और नेताओं का राज़ 
कुशल नेत्रत्व को सोंप दो देश का साम्राज 

रविवार, 19 दिसंबर 2010

SANKALP KI DULHAN PALLAVI

jhilmil ho gain hain akhiyan.yaad aai mini ke bachpan ki ghdian.naye safar main lag jayengi pyaar ki usko hathkadian.

sankalp ki dulhan pallavi

प्यारी सी नन्ही सी थी एक कली,
मम्मी-पापा के आँखों का सपना बनकर पली ,
अपनी मम्मी की तरह थी खूबसूरत,पापा की तरह पढ़ाई  में तेज 
इसीलिये आज बनी वोह लाख़ों में एक 
छोटी सी'मिनी' कब 'पल्लवी'बनकर हो गई इतनी बड़ी 
की आज हम सबके सामने दुल्हन बनकर है खड़ी
अपने जीवन मैं जब उसने शादी करने का संकल्प लिया
तब उसे प्यारा सा संकल्पजी जैसा दुल्हा मिला 
पल्लवी और संकल्प्जी का जीवन हमेशा खुशिओं से भरा रहे
हर पल ,हर लम्हा उनका प्यार की खुशबू से महकता रहे 
दोनों परिवार मैं वोह सबके रहें प्यारे 
सबको मान -सम्मान दें और बने रहें सबके दुलारे 
पूर्ण से पूर्ण हो उनके जीवन की सारी मनोकामनाएं
यही है उनके शुभ -विवाह पर हमारी हार्दिक शुभकामनाये 

HAPPY
MARRIED   LIFE

SAJAN

sajan

मेरे जीवन की बहार हो तुम 
 मेरी बिंदिया,कुमकुम,गहना 
सारा श्रृंगार हो तुम 
मेरे तन-मन के हर एहसास
के कद्रदान हो तुम 
मेरे सपनों, भावनाओं ,अरमानों 
से ना अनजान हो तुम 
मेरे साजन, मेरे प्रियतम ही नहीं 
मेरे तो भगवान् हो तुम  

ZINDAGI

लम्हा-लम्हा ज़िन्दगी निकलती जाती है 
हर पल हर लम्हा खट्टी-मीठी यादें दे जाती  है 
ज़िन्दगी से रूबरू हो कर रहो 
हर पल हर लम्हे को जी भर कर जियो 
जीवन मैं कुछ ऐसे काम करो 
दुनिया याद रखे जब तुम ना रहो
सुख मे दुःख और दुःख में सुख को ना भूलो 
ज़िन्दगी की इस धूपछांव के साथ अठखेलियाँ खेलो 
कल की चिंता में आज को ना भूलो 
अपनी तमन्नाओ इच्छाओं को पूर्ण कर लो 
आज है तभी तो कल आएगा 
ज़िन्दगी के नए नए रंग दिखायेगा 
यह ज़िन्दगी है बहुत खूबसूरत 
पर कभी-कभी इसमें आ जाती है बदसूरती की झलक 
बदसूरती को एक बुरे सपने की तरह भूल जाइए 
खूबसूरत पल के हर लम्हे को दिल से लगाइए 
जब तक ज़िन्दगी है,यह सब तो चलता रहेगा 
परन्तु यह पल यह छण फिर दुबारा नहीं मिलेगा 
जितना मिला है उतना ख़ुशी-ख़ुशी अपने 
कर्म की नीयति मान कर अपनाइए
भगवान् की देन है यह ज़िन्दगी
वरदान समझकर जिए जाइए  


AAJ KI NAARI



आज की नारी 

जिंदगी को जनम देती है नारी 
उसके अमूल्य योगदान से ही ये दुनिया चलती है सारी
घर बाहर दोनों काम बखूबी संभाल लेती है 
परिवार के दुःख-सुख को प्यार से सवांर देती है
घर की धुरी बन जाती है नारी
जिसके चारों और है परिवार की जिम्मेदारी
आज की नारी ने अपनी शक्ति को पहचाना है
इसलिये ये पुरुषों द्वारा बनाया समाज घबराया है
उसने पुरुष के कमाने के अहम् को नीचे गिराया है
अपनी मेहनत और बुद्धि से अपना मनोबल बढाया है
पुरुषों के कंधे से कन्धा मिला कर चल रही है
हर छेत्रमें उनसे आगे बढ़ रही है
आज की नारी ने अपना आत्मसम्मान जगाया है
इसलिये पुरुषों के अत्याचार के खिलाफ नारा लगाया है
दोहरी जिम्मेदारियां उठा रही है वोह
ग्रहस्थी के साथ-साथ पैसे भी कमा रहीं है वोह
पुरुष जब उसे आगे बढ़ने से नहीं रोक पाया है
तब उसे अपनी ताकत का भय दिखाया है
पुरुष की ताकत के आगे कमजोर है वो
इसलिये उसके अत्त्याचार सहने को मजबूर है वो
भले ही आज सरकार ने कितने कानून बनाए
पर समाज के डर से कहाँ तक अमल हो पाए
चाहे दुनिया २१वी सदी में जा रही है
 
पर नारी का शोषंड आज भी जारी है
आपस में एकता बनाकर अपना
मान समाज में बढाना है
आपस में सहयोग और प्रेम बढाकर
हर नारी को शोषंड से बचाना है
क्योंकि हम नारी नहीं है अब 'अबला'
हम तो बन चुकी हैं 'सबला' 

SAPNO KI DUNIYA

आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें 
जहाँ दूर तक खुली फिजां हो 
हरी भरी वादियाँ हो 
नदियाँ और झरने हों 
चहचहाते पंछी और फूल हों 
दूर तक फैली हरियाली हो
आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें
जहाँ किसी के चीखने की आवाज ना हो
किसी भूखें बच्चे का रोना ना हो 
किसी औरत की बेबसी ना हो 
किसी पर अत्याचार ना हो 
कहीं भ्रष्टाचार ना हो

आओ हम कहीं ऐसी जगह चलें 
जहाँ हर तरफ शांति सुकून हो 
आपस मैं अपनापन हो 
पुलकित प्रफुलित  चेहरे हों
और जहाँ हो सिर्फ 
प्यार-प्यार-प्यार