मंगलवार, 28 फ़रवरी 2012

होली आई  रे  

फागुनी बयार चलने लगी है 
फागुन ऋतू आई है 
मोसम सुहाना होने लगा है 
डेसू के फूलों की लालिमा छाई है         
प्रेमियों के अरमान मचलने लगे हैं 
वैवाहिक जोड़े भी नए रंग में रंगने लगे हैं
सबपे प्रेम रंग छाने लगा है
भवंरा भी फूलों पर मंडराने लगा है
चारों तरफ मस्ती सी  छाई है
लगता है नजदीक ही होली आई है
रंग ,गुलाल उड़ने लगे हैं
ढोल नगाड़े बजने लगे हैं
ठंडाई,गुझिया ,मिठाई बनने लगीं हैं 

घर घर में खुशियाँ मनने लगी हैं
                           चारों और उल्लास ,उमंग छाया है            
                       क्योंकि होली जैसा प्यारा त्यौहार आया है 
                                सारे गम और परेशानियां भूल जाओ 
                             इस रंगों के त्यौहार में खो जाओ 
                              दुश्मन को भी दोस्त बनाओ
                           प्यार से रंग लगाकर गले लगाओ 
ये त्यौहार ही हमारी भारतीय संस्कृति के प्रतीक हैं
इसीलिए ये हमारे दिल के बहुत करीब हैं
जो प्यार और अपनापन की सीख सिखाते हैं 
दुश्मन को भी दोस्त और परायों को भी अपना बनाते हैं 
हमें इन्हें ख़त्म नहीं होने देना है 
गर्व से इसके बारे में नई पीढ़ी को बताना है     

Happy holi 


      

शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

भविष्य का सपना 
मन पखेरू उड़ने लगा है 
नए नए सपने संजोने लगा है 
दिल में एक नया एहसास उमंगें ले रहा है 
नई पीढ़ी का भविष्य भी अब सुनहरा हो रहा है 
एक जिम्मेदारी जो अब अपनी मंजिल पा रही है 
आँखों में नए-नए सपने और अरमान जगा रही है 
जल्द ही वो दिन आयेगा जब वो अपनी मंजिल पा जाएगी 
अपने नए संसार में सुखी ,खुश और  मस्त हो जाएगी 
उसके सुख में ही हम अपना सुख पा जायेंगे 
उसके उल्लास और उमंग में हम भी खो जायेंगे 
जब वो अपनी अगली पीढ़ी को लेकर खुशी-ख़ुशी आएगी  
उसकी मीठी मीठी और प्यारी किलकारी से घर गुन्जाएगी  
तो ऐसा लगेगा की जीवन सम्पूर्ण हो गया 
सारे जहाँ का सुख हमको मिल गया 
जिम्मेदारियां जब अपनी मंजिल पा जाएँगी 
अपनी सुखी और प्यारी दुनिया बसाएंगी 
फिर हम अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जायेंगे 
एक दूसरे में पूरी तरह खो जायेंगे 
अपनी अधूरी इच्छाओं और शोकों को पूर्ण करेंगे 
और सिर्फ और सिर्फ एक दुसरे के लिए जियेंगे 
मन पखेरू उड़ने लगा है 
नए-नए सपने संजोने लगा है