सोमवार, 19 सितंबर 2011

भूकंप

भूकंप 


कब  क्या  हो  जाए कुछ पता नहीं 
यहाँ इंसान की जिंदगी की कीमत कुछ नहीं |
 आम इंसान बम विस्फोट से,दुर्घटना से, नहीं तो भूकंप के झटकों से मर जाता है
चार दिन हल्ला मचता है .और फिर सब शांत हो जाता है | 
ना कोई बाद में उसके बारे में सोचता है,ना रोकने का उपाय करता है 
जिसके घर का कोई प्रभावित होता है वो ही परिवार रोता रह जाता है |
हम सदभावना रैली के नाम पर, कॉमनवेअल्थगेम के नाम पर करोडो खर्च कर देतें हैं |
परन्तु ऐसी दुर्घटनाएं रोकने के लिए कोई उपाय नहीं करतें है | 
आम आदमी मरे तो मरे, कुछ रुपये देने की घोषणा कर देते हैं 
और अपने कर्त्तव्य से इतिश्री कर लेते हैं  |
अगर जापान जैसी तीव्रता लिए कोई भूकंप आ गया 
तो हमारा देश की आधे से ज्यादा छेत्रों को प्रभाबित कर जाएगा |
और पता नहीं कितनी जनसंख्या और सम्पति को नष्ट कर जाएगा 
जान माल की हानि के साथ राष्ट्रीय सम्पति का भी नाश होगा |
परन्तु इसके बारे मैं कोई नहीं सोच रहा ,ना ही भूकंप निरोधी इमारतें बना रहा 
सडकों के हाल ,ट्रेफिक का हाल ,रेलों के हाल बद से बदतर हो रहा |
इसी कारण दुर्घटनाओं से कितने ही जान माल का नुक्सान हो रहा 
आम आदमी इन सब त्रासदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा या मर रहा| 
इनके सुधार पर हर साल करोडो रुपया  सरकार दे रही 
.परन्तु ये आधे से ज्यादा सुधार की जगह लोगों की जेबें भर रही |
भ्रष्टाचार ने इस देश का सत्यानाश कर दिया 
वोट की राजनीति ने नेताओं कोअपनी अपनी पार्टियों तक सीमित कर दिया |
इस देश की है बस यही है  विडम्बना ,की यहाँ है "प्रजातंत्र" 
इसलिए अब नहीं इस देश में बचा है कोई "तंत्र"| 
देश की नहीं हर नेता को बस अपनी कुर्सी की पड़ी है 
जनता बेवकूफ बनी देश का नाश इन नेताओं द्वारा होते देखती खड़ी है |
एक हो गयें हैं चोर -सिपाही, देश की हो रही तबाही |  
काश कोई ऐसा भूकंप आये जो इस भ्रष्टाचार रुपी इमारत को ही गिरा जाए 
देश में भीतर तक फैली इसकी जड़ों को पूरी तरह हिला जाए |
मिट जाए इसका नामो -निशान,देश हमारा बन जाए महान |
फिर तो चारों तरफ होगा खुशियों का साम्राज्य 
लोट आयेगा रामराज्य  |
        

23 टिप्‍पणियां:

दिगम्बर नासवा ने कहा…

ये दुर्भाग्य है देश का ... ये नेता लोग जनता को पागल बना रहे अहिं और हम बन रहे हैं ...

Bharat Bhushan ने कहा…

हे प्रभु !! यदि भूकंप ने देश से पूरा भ्रष्टाचार मिटा दिया तो हमारे पाँव के नीचे सड़क कौन सी रह जाएगी.

रविकर ने कहा…

अच्छा है मन में दबी, निकले शीघ्र भड़ास |
चोर - उचक्कों से नहीं, रखना कोई आस ||

Kailash Sharma ने कहा…

देश की वर्तमान दशा का बहुत सही और सटीक चित्रण किया है...इस व्यवस्था में सुधार के लिये एक सामाजिक भूकंप की आवश्यकता है..

Manoranjan Manu Shrivastav ने कहा…

भूकंप बहुत ही सही लिखा है आपने
भूकंप का काम है झटके देना.
इंसान को तो कदम कदम पे झटके मिलते रहते हैं
------------------------
मेरे ब्लॉग पे आपका स्वागत है
ड्रैकुला को खून चाहिए, कृपया डोनेट करिये !! - पार्ट 1

Rajesh Kumari ने कहा…

man me uthi yah jvala ghar ghar me dahani chahiye
ab to is desh ki soorat badalni chahiye.
man ko jhakjhor kar dene vaali prastuti.god bless you.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

कुदरत के करिश्में को कोई नहीं जान सका!

डॉ टी एस दराल ने कहा…

यहाँ तो सब भगवान भरोसे है ।

Rakesh Kumar ने कहा…

काश कोई ऐसा भूकंप आये जो इस भ्रष्टाचार रुपी इमारत को ही गिरा जाए
देश में भीतर तक फैली इसकी जड़ों को पूरी तरह हिला जाए |
मिट जाए इसका नामो -निशान,देश हमारा बन जाए महान |
फिर तो चारों तरफ होगा खुशियों का साम्राज्य
लोट आयेगा रामराज्य |

प्रेरणा जी, आपकी प्रस्तुति यथार्थ का भयावय चित्रण करती हुई भी प्रेरणा दे रही है भ्रष्टाचार
रुपी इमारत को 'सदाचरण' के भूकंप से गिराने की.रामराज्य को लौटा लाने की.

सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

मेरे ब्लॉग पर आईयेगा.
आपका आना सुखद होता है.

संजय भास्‍कर ने कहा…

आम इंसान बम विस्फोट से,दुर्घटना से, नहीं तो भूकंप के झटकों से मर जाता है
....देश की वर्तमान दशा का बहुत सही लिखा है

रश्मि प्रभा... ने कहा…

bahut badhiyaa saarthak lekh

Anupama Tripathi ने कहा…

sunder bhav ...par itna asaan kuchh nahin hai ...ham samasyaon se ghire hue hain ....

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ ने कहा…

सही कह रही हैं आप

nilesh mathur ने कहा…

काश कोई ऐसा भूकंप आये जो इस भ्रष्टाचार रुपी इमारत को ही गिरा जाए ।
बेहतरीन पोस्ट।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

यथार्थ का सुन्दर वैचारिक प्रस्तुतिकरण...

deepti sharma ने कहा…

bhole bhale logo ko bas bahlaya jata hai yaha
chahe kuch ho jaye

ZEAL ने कहा…

काश कोई ऐसा भूकंप आये जो इस भ्रष्टाचार रुपी इमारत को ही गिरा जाए
देश में भीतर तक फैली इसकी जड़ों को पूरी तरह हिला जाए |
मिट जाए इसका नामो -निशान,देश हमारा बन जाए महान .....kaash aisa hi ho Prerna ji .

अरुण कुमार निगम (mitanigoth2.blogspot.com) ने कहा…

बड़ी ही सार्थक सोच .भूकम्प ने मन को भी हिलाकर रख दिया. उजड़ती इमारतों के साथ ही उजड़ती हुई व्यवस्था , बिगड़ती हुई सड़कों के साथ बिगड़ती हुई चाल पर भी सटीक विचार प्रस्तुत किये गये हैं.

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

कभी कभी यह सब देखकर मन क्षुब्‍ध सा हो जाता है। पर किया क्‍या जाए, हमें इन्‍हीं सबके बीच जीना है, ऐसे ही डर डर के जीना है।


________
आप चलेंगे इस महाकुंभ में...

...मानव के लिए खतरा।

G.N.SHAW ने कहा…

" काश कोई ऐसा भूकंप आये जो इस भ्रष्टाचार रुपी इमारत को ही गिरा जाए "- bahut hi gahari baaten. sonchata hun - ramarajy kab aayega ? badhayi !

Unknown ने कहा…

आपको मेरी तरफ से नवरात्री की ढेरों शुभकामनाएं.. माता सबों को खुश और आबाद रखे..
जय माता दी..

pradeep tiwari ने कहा…

bahut hi sundar hamara saubhagya hai ki ap ke blog se judne ka mauka mila.



www.kavipradeeptiwari.blogspot.com

Neelkamal Vaishnaw ने कहा…

प्रेरणा जी बिलकुल सही कहा है आपने
MADHUR VAANI
BINDAAS_BAATEN
MITRA-MADHUR