शुक्रवार, 24 फ़रवरी 2012

भविष्य का सपना 
मन पखेरू उड़ने लगा है 
नए नए सपने संजोने लगा है 
दिल में एक नया एहसास उमंगें ले रहा है 
नई पीढ़ी का भविष्य भी अब सुनहरा हो रहा है 
एक जिम्मेदारी जो अब अपनी मंजिल पा रही है 
आँखों में नए-नए सपने और अरमान जगा रही है 
जल्द ही वो दिन आयेगा जब वो अपनी मंजिल पा जाएगी 
अपने नए संसार में सुखी ,खुश और  मस्त हो जाएगी 
उसके सुख में ही हम अपना सुख पा जायेंगे 
उसके उल्लास और उमंग में हम भी खो जायेंगे 
जब वो अपनी अगली पीढ़ी को लेकर खुशी-ख़ुशी आएगी  
उसकी मीठी मीठी और प्यारी किलकारी से घर गुन्जाएगी  
तो ऐसा लगेगा की जीवन सम्पूर्ण हो गया 
सारे जहाँ का सुख हमको मिल गया 
जिम्मेदारियां जब अपनी मंजिल पा जाएँगी 
अपनी सुखी और प्यारी दुनिया बसाएंगी 
फिर हम अपने कर्तव्यों से मुक्त हो जायेंगे 
एक दूसरे में पूरी तरह खो जायेंगे 
अपनी अधूरी इच्छाओं और शोकों को पूर्ण करेंगे 
और सिर्फ और सिर्फ एक दुसरे के लिए जियेंगे 
मन पखेरू उड़ने लगा है 
नए-नए सपने संजोने लगा है 
 

8 टिप्‍पणियां:

Rajesh Kumari ने कहा…

sapne hain to sakar bhi hote hain bahut pyaare sapne hain aapke.bahut sundar racna prerna ji.

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत खूब! य सपने ही तो जीवन का संबल हैं...बहुत सुंदर

डॉ. दिलबागसिंह विर्क ने कहा…

सुंदर सपना जरूर पूरा हो

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

सुंदर कल्पना .... जिम्मेदारियाँ जीवन भर समाप्त नहीं होतीं :):)

sangita ने कहा…

sapne hain to sakar bhi hote हैं।

Anupama Tripathi ने कहा…

sunder sapna ...sunder rachna ....
badhaii evam shubhkamnayen ...

Asha Lata Saxena ने कहा…

सुन्दर सपना सजाया है आपने इस रचना में |
आशा

amrendra "amar" ने कहा…

bahut Sunder sapna........
behtreen prastuti