रविवार, 19 दिसंबर 2010

SANKALP KI DULHAN PALLAVI

jhilmil ho gain hain akhiyan.yaad aai mini ke bachpan ki ghdian.naye safar main lag jayengi pyaar ki usko hathkadian.

sankalp ki dulhan pallavi

प्यारी सी नन्ही सी थी एक कली,
मम्मी-पापा के आँखों का सपना बनकर पली ,
अपनी मम्मी की तरह थी खूबसूरत,पापा की तरह पढ़ाई  में तेज 
इसीलिये आज बनी वोह लाख़ों में एक 
छोटी सी'मिनी' कब 'पल्लवी'बनकर हो गई इतनी बड़ी 
की आज हम सबके सामने दुल्हन बनकर है खड़ी
अपने जीवन मैं जब उसने शादी करने का संकल्प लिया
तब उसे प्यारा सा संकल्पजी जैसा दुल्हा मिला 
पल्लवी और संकल्प्जी का जीवन हमेशा खुशिओं से भरा रहे
हर पल ,हर लम्हा उनका प्यार की खुशबू से महकता रहे 
दोनों परिवार मैं वोह सबके रहें प्यारे 
सबको मान -सम्मान दें और बने रहें सबके दुलारे 
पूर्ण से पूर्ण हो उनके जीवन की सारी मनोकामनाएं
यही है उनके शुभ -विवाह पर हमारी हार्दिक शुभकामनाये 

HAPPY
MARRIED   LIFE

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