गुरुवार, 20 अक्तूबर 2011

मेरे  सारे ब्लोगर्स साथियों को दीवाली की बहुत शुभकामनायें 
कुछ दिनों  के  लिए बाहर जा रही हूँ वापस आ कर आप सबसे फिर मुखातिब हूँगी \
प्रणाम     

झीलों का शहर 
भोपाल 





भारत देश के दिल में स्थित मध्य प्रदेश की राजधानी है झीलों का खूबसूरत शहर भोपाल /चारों और पहाड़ियों से घिरा हुआ,छोटी छोटी झीलों और हरियाली के कारण बारिश के दिनों में एक हिल स्टेशन की तरह प्रतीत होता है ./ बादल पहाड़ियों पर झूकने लगते है ,धरती अम्बर मिलने लगते हैं
/हर तरफ कुहरा सा  छा जाता  है /मौसम सुहाना हो जाता है /बड़ी और छोटी झीलों में बूंदें पड़ने लगती हैं /भीगे मौसम में नोका विहार का मजा दुगुना हो जाता है /रात में बड़ी झील में जहाज  में लोगों का हूजूम उमड़ पड़ता है /





जिसमें खाने के लिए वातानुकूलित रेस्टोरेंट तथा डेक पर स्नेक्स सेण्टर है जिससे लोग झील की सैर करते हुए खाने पीने का मजा लें सकें /साथ ही डेक पर आर्केस्ट्रा भी है जिसकी मधुर सुर लहरियों से चांदनी रात में नोका विहार का मजा दुगुना हो जाता है / बड़ी झील में श्याम को स्पीड बोट ,पेडल 



बोट ,वाटर स्कूटर और भी कई तरह के वाटर स्पोर्ट्स का मजा ले सकते हैं /झील के किनारे किनारे बहुत सुंदर सड़क बनाई गई है /जिसे भोपाल की मरीन drive कहते हैं /रात में जब उसकी lights झील पर पड़ती है तो ऐसा लगता है जैसे सेकड़ों दीप झिलमिला रहे हों /और उस समय ऐसा लगता है जैसे आप पेरिस की शाम और रंगीनियों  को देख रहे हों /





भोपाल के आस-पास काफी ऐतहासिक जगहे हैं /जहाँ आप जाकर पूरा दिन बिता सकते हैं /

साँची स्तूप 

    
 राजा अशोका ने (273-236 B.C.) में ये  स्तुपस  बुद्ध भगवान् के सम्मान में बनाया था /ये भोपाल से ३५-४० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है /


भोजपुर 

Bhojpur

राजा भोज ने यहाँ पर लगभग ९०० वर्ष पूर्व शिवजी का मंदिर बनवाया था /जिसकी बड़ी मान्यता है /ये भी भोपाल से २८ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है / पिकनिक मनाने के लिए यह स्थान बहुत लोकप्रिय हैं /


बिड़ला मंदिर

Photo Here

ये भी बहुत पुराना पहाड़ी पर स्थित लक्ष्मी नारायणजी  का मंदिर है /जहाँ से पूरा भोपाल की खूबसूरती देख सकते हैं /

वन विहार 




झील के किनारे वन विहार स्थित है जिसमे कई तरह के जानवर खुले में जंगल की तरह रहते हैं /वहां सफेद शेर भी है /

भीम वाटिका 

Photo Here

भोपाल से ४० किलोमीटर दूर स्थित भीम वाटिका में १२०००.साल प्राचीन गुफायें हैं जिसमे कुछ पुरानी चित्रकारी की हुई हैं /जो काफी साल पुरानी है /ये मान्यता है की वनवास के दौरान पांडव यहाँ आकर रहे थे /यह यूनेस्को द्वारा संरक्षित स्थल है / 

ताजुल मस्जिद 

 


भोपाल की बेगम सुल्तान शाजहाँ ने लगभग १४० वर्ष पूर्व बनवाया था /इसे मस्जिदों का ताज भी कहा जाता है /


मानव संग्रहालय 


 
मानव संग्रहालय में भारत देश के सारे प्रदेशों के ग्रामीण परिवेश और रहन सहन की झलक दिखलाने के लिए अलग अलग तरह के कच्चे मकान बनाये गए हैं / और उसके बारे में पूरी जानकारी दी गई है /


इसके अलावा बहुत सुदर बगीचे ,बांध और बहुत अच्छी जगह हैं घूमने के लिए /बहुत अच्छा शहर है भोपाल जहाँ हर त्यौहार बहुत धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है /      
सड़क ,रेल,एवं वायु मार्ग  से भोपाल भारत के चारों महानगरों से जुड़ा हुआ है /
इस खूबसूरत शहर भोपाल की यात्रा मनमोहक यादगार के रूप में हमेशा 
आपके  दिल में बसी रहेगी / 
जरुर यात्रा कीजिये भोपाल की /





शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2011

HAPPY KARVACHOTH

करवा चोथ 


सखियाँ खूब सुहाग के गीत गाओ री
बिंदिया .चुदियाँ .मेहंदी से खुद को खूब सजाओ री 
सोलह श्रंगार करके सजना को रिझाओ री 
आओ करवाचोथ मिलजुल कर मनाओ री 
नई छन्नी.करवा .पूजा की थाली लाओ री 
उनको खूब गोटा,किरण से सजाओ री 
अच्छी अच्छी मिठाइयाँ ,गुझिया ,बनाओ री 
आओ करवाचोथ मिलजुल कर मनाओ री 
निर्जला व्रत रखकर ,चाँद राजा का इंतज़ार करो री 
आपस में थाली बदलकर मंगल गीत गाओ री 

अपने सुहाग की लम्बी उम्र के लिए कामना करो री 
आओ करवाचोथ मिलजुलकर मनाओ री 
चाँद देवता की पूजा कर उसका आशीर्वाद पाओ री 
अपने पिया के हाथ फल ,मिठाई खाकर व्रत तोड़ो री 
इस प्यारे त्यौहार के कारण ,पिया के दिल में जगह बनाओ री 
आओ करवाचोथ मिलजुलकर मनाओ री 
कितने प्यारे कितने सुंदर हैं हमारे त्यौहार 
हर रिश्ते और हर बंधन के लिए साल में आते एक बार 
सबको मिलाते हैं ,टूटे हुए रिश्तों को भी एक कर जाते हैं
विदेशी भी हमारी सभ्यता और सस्कृति को इज्जत की नजर से देखते हैं 
इसीलिए विदेशी भी हमारी संस्कृति को मानते हैं उसे अपनाते हैं 
हम भी इस संस्कारों से सजे देश को शत -शत नमन करते हैं 
जय हिंद -जय भारत  

     
HAPPY KARVACHOTH    

बुधवार, 12 अक्तूबर 2011

धोखे बाजी 

क्या धोखा देना ,किसी को परेशान करना ,झूठ बोलना .किसी की सरलता का फायदा उठाकर अपने को चतुर और दूसरे को बेवकूफ समझना ये हम इंसानों की फितरत है /और इससे  हम किसका भला कर रहे हैं /कुछ लोग इस तरह की हरकतें करते हैं और इस कारण सही जरुरत मंद इंसान की मदद करने में भी लोग विस्वास नहीं करते/
कुछ लोग बीमारी का बहाना बनाते हैं और लोगों की सहानुभूति क फायदा उठाते है परन्तु जब उनकी असलियत  का पता चलता है तो लोगों का विस्वास खो देते हैं /और फिर जो ब्यक्ति सच में बीमार होता है परन्तु धोखा खाने के बाद लोग उसकी भी मदद करने में हिचकिचाते हैं /किसी की मदद करके उसको घर में काम करने के लिए रखो की चलो गरीब आदमी का भला हो जाएगा /परन्तु जब वो ही गरीब आदमी घर से चोरी करके या घर के लोगों को शारीरिक नुक्सान पहुंचाकर फरार हो जाता है /तो और गरीब की मदद करने के लिए इंसान फिर विस्वास नहीं कर पाता है /इसी  प्रकार  साधु सन्यासी के भेष में आकर लोगों को बेबकूफ बनाकर लूटने की घटना आये दिन होती रहती है तो इस कारण अब साधु सन्यासीओं पर कोई विस्वास नहीं करता /   
सड़क पर कई बार लोग दुर्घटना का नाटक कर कर लेट जाते हैं और गाडी वाला कोई भला आदमी गाडी रोककर उसकी मदद करने के लिए रूकता है तो उसके गैंग  के आदमी आकर उसको लूट लेते हैं और वो भला आदमी अच्छे काम के चक्कर में अपने धन के साथ साथ कई बार शारीरिक नुकशान सहने के लिए भी मजबूर हो जाता है /इस कारण अब सच में हुई दुर्घटना के कारण पड़े हुए आदमी को देखकर भी लोग अपनी गाडी नहीं रोकते की पता नहीं सच है की झूठ /जिस कारण कई बार समय पर इलाज नहीं होने के कारण घायल इंसान की जान भी चली जाती है / हमारी कानून ब्यवस्था भी ऐसी है की मदद करने वाला चाह कर भी इन सब झमेलों के कारण मदद नहीं कर पाता /फिर लोग इंसानियत की दुहाई देते हैं की लोगों में इंसानियत नहीं बची //
बीमारी का बहाना करके लोग मदद मांगते हैं /परन्तु जब मदद करनेवाले को ये पता लगता है की वो झूठ बोल रहा है उसे कोई बीमारी नहीं हैं वो तो धोखा दे गया है /तो जो सही में बीमार है उसकी मदद करने में भी लोग हिचकचाते हैं की पता नहीं ये सच कह भी रहा है या नहीं /
ऐसे कई उदहारण मिल जायेंगे की अपने स्वार्थ और लालची प्रवृति के कारण इंसान इंसान को धोखा दे रहा है .बेईमानी कर रहा है/परन्तु कुछ लोगों के ऐसा करने के कारण इंसान का इंसान से विस्वास उठ रहा है /लोग किसी की मदद करने में .भलाई करने में डरने लगे हैं /अच्छे लोग भी बुरे बनने लगे हैं /इसीलिए दुनिया में अच्छाई कम होने लगी है और बुराई बढ़ने लगी है /    
हमे अपनी सोच बदलने की जरूरत है /बदमाशी ,बेईमानी की जगह मेहनत करके पैसे कमाने की इच्छा रखना चाहिए /   कुछ लोगों की ऐसी हरकतों के कारण आज इंसान अपनों पर भी विस्वास करने में हिचकचाने लगा है /अगर इंसान ये समझ जाए तो इस दुनिया से काफी बुराई कम हो जायेगी /
इंसान इंसान से डरने लगा है 
एक दूसरे पर विस्वास कम करने लगा है 
अपनी बुरी प्रवृतियो को हमने नहीं बदला 
तो इस दुनिया में रहना मुश्किल होने लगा है