सावन आयो री
आओ आओ री सखी सावन आयो री
धानी चुनरियाँ उडाओ री
बिंदिया ,चूड़ी, मेहंदी सजाओ री
सोलह सिंगार करके अपने पिया को रिझाओ री
आओ आओ री सखी सावन आयो री
ढोलक पे थाप बजाओ री
कजरी ,सावन के गीतों को गाओ री
पेड़ों पर झूले डाल ऊँचे पेंच लड़ाओ री
आओ आओ री सखी सावन आयो री
घनघोर काली घटायें छाई री
मन में मीठे-मीठे अरमां जगाये री
पपीहा ने पिहू-पिहू की पुकार लगाईं री
आओ आओ री सखी सावन आयो री
चारों तरफ हरियाली छाई री
रुत सुहानी,मस्तानी आई री
विरहणी को पिया मिलन की आस जगाई री
आओ आओ री सखी सावन आयो री
47 टिप्पणियां:
सावन की धूम मचाती आपकी मनमोहिनी कविता और सुंदर चित्रों ने तीज का उत्साह बढा दिया है, आभार!
बधाई प्रेरणा जी ||
भक्तिमय सावन ||
मस्त झूले मस्त सावन |
खुश तन मन ||
तीज के सुन्दर चित्रों के साथ सावन की उमंग भरी मस्त सुन्दर रचना , आभार!
मेरे ब्लांग में आकर मेरा उत्साह्वर्घन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद...
सावन पर मनमोहक कविता प्रेरणा जी बहुत भुत बधाई और शुभकामनायें |
happy saavan !
परिवेश के अनुकूल सुन्दर रचना!
सावन का महीने का रंग रूप ही अलग होता है|बधाई
खूबसूरत गीत सावन पर ..
सावन पर मनमोहक कविता, बधाई औ रशुभकामनायें
Sach! savan le aaya aapki sundar rachana ne..
सुन्दर चित्रों से सुसज्जित लाजवाब और मनमोहक कविता लिखा है आपने! मुझे बेहद पसंद आया! बेहतरीन प्रस्तुती!
सुन्दर चित्रमय बहुत सुन्दर सावनी गीत...
सुन्दर ..अति सुन्दर....
खूबसूरत गीत
सावन के मौके पर मनमोहक पोस्ट लगायी है . आभार.
sawan aayo ri
are waah kavita padkar to jhumne ko dil karta hai
bas sawan ki bunde or jhule
खूबसूरत चित्र उतने ही सुन्दर शब्द और अद्भुत भाव...कमाल की रचना...सावन सजीव हो उठा..बधाई
नीरज
सावन का स्वागत करती सुंदर रचना ...
sunder sawani rachna ..
teej ki yaad dila rahi hai ...
सावन का विस्तृत और बहुत सुन्दर वर्णन, आभार
सावनी बूँदों से सराबोर सुंदर सावन गीत,इंद्रधनुषी गीतों ने सौंदर्य वर्द्धन कर दिया.
(Pl visit my other Blogs)
कभी बचपन में ब्रज-माधुरी सुना करता था .... आपकी लोक-संस्कृति में रची-बसी रचना ने कृत्रिमता की चादर हटा दी... मन को ताजगी से भर दिया.... वाह क्या कहने!
सावन का उचित स्वागत कर रहीं हैं आप,
बहुत सुंदर,
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
सावन का सुंदर माहौल बनाती रचना.
सावन का सुंदर माहौल बनाती रचना.
सावन, बारिश और झूले और उस पर सखियों का मंगल गीत| बहुत सुंदर और बहुत बहुत बधाई|
bahut hi khoobsurat poem
really nice
सावन का बहुत सुन्दर मनमोहक स्वागत..बहुत सुन्दर
लोकगीत की तरह सावन की बरखा की तरह बहती चित्रमय लाजवाब रचना है आपकी ... बहुत ही मधुर ..
बहुत सुहावनी रचना .आभार
सावन को और खूबसूरती से प्रस्तुत करती आपकी रचना...
सावन का इंतज़ार हर नारी को होता है, और उनकी भावनाओ को बहुत अच्छे से व्यक्त किया है .
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मैंने आपको फोल्लो किया है,
तीज के सुन्दर चित्रों के साथ सावन की उमंग भरी मस्त सुन्दर रचना , आभार!
वाह सावन का मन भावन गीत पढ़ने को मिला बहुत सुन्दर प्रस्तुति। शुभकामनाएं...
सावन की धूम मचाती सुन्दर रचना , आभार!
मनभावन सावन की मस्त मस्त रचना
SAWAN KO SABDO ME UTAR DIYA HAI APNE.... VERY NICE...
JAI HIND JAI BHARAT
तीज के मनभावन चित्रों सहित मन को आल्हादित करते मनमयूर को थिरकाती सावन के संगीत में रची बसी अति सुन्दर प्रस्तुति ...शुभकामनाएं एवं अभिनन्दन !!!
भक्तिमय सावन.
बम बम भोले.
प्रेरणा जी,
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं,सावन के महत्व को सही संदर्भों में इसे प्रस्तुत करने के लिए आपका विशेष आभार। कविता अच्छी लगी ।
धन्यवाद।
प्रेरणा जी
आपके पोस्ट पर पहली बार आया हूं।पोस्ट अच्छा लगा।कविता अच्छी लगी।धन्यवाद।
वाह जी बल्ले बल्ले. बढ़िया.
बहुत खूब!!
बहुत ही बढ़िया।
सादर
विचारपूर्ण और जागरूकता का संदेश देता हुआ उत्तम आलेख।
सावन पर आपने बहुत अच्छी कविता लिखी है , वाकई सावन कि छठा के दर्शन हो गए है आपकी इस कविता में .
बधाई
आभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
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