अनोखी बेटी
दिशा वर्मा |
आज मैं आप सबको एक ऐसी बेटी के त्याग और अपने माता पिता के लिए कुछ भी करने का जज्बा रखने वाली बहुत बहादुर और बेमिसाल बिटिया की सच्ची कहानी बताने आई हूँ /आप पदिये और अपनी राय जरुर दीजिये की आज भी जब हमारे देश में कन्याओं को गर्भ में ही मारने की घटनाओं में दिन पर दिन बढोतरी हो रही है और लड़कियों को बोझ समझा जाता है /वहां ऐसी बेटी ने एक मिसाल कायम की है /
ये प्यारी सी बेटी दिशा वर्मा हमारे बहुत ही करीबी और अजीज पारिवारिक दोस्त श्री मनोज वर्मा और श्रीमती माधुरी वर्मा की है /इनकी दो बेटियाँ हैं /श्री मनोजजी की तबियत बहुत ख़राब थी ,उनका लीवर ७५% ख़राब हो गया था /उनको लीवर ट्रांसप्लांट की जरुरत थी .उनकी हालत इतनी ख़राब थी की वो कोमा में जा रहे थे /मेरी दोस्त माधुरी को कुछ समझ नहीं आ रहा था की वो किससे बोले की कोई उसके पति को अपना लीवर दे दे /क्योंकि उसका ब्लूड ग्रुप तो लीवर देने के लिए मैच ही नहीं कर रहा था / ऐसी हालत में मैं उनकी बहन श्रीमती नीलू श्रीवास्तव जी को भी नमन करना चाहूंगी जो अपने भाई की खातिर आगे आईं और उसका जीवन बचाने के लिए अपना जीवन जोखिम में डालकर लीवर देने के लिए तैयार हो गईं /फिर उनके सारे मेडिकल टेस्ट हुए परन्तु दुर्भाग्यबस वह मैच नहीं हो पाए जिस कारण वो अपना लीवर नहीं दे पायीं /फिर सवाल उठ पडा की अब क्या होगा सारा परिवार चिंता में डूब गया की अब श्री मनोज जी का क्या होगा/ ऐसे समय में जब सारा परिवार दुःख के अन्धकार में डूबा था ये बेटी दिशा जिसको अभी १८ वेर्ष की होने में भी कुछ समय था एक उजली किरण के रूप में आगे आई उसने कहा की मैं दूँगी अपने पापा को लीवर /उसने अकेले
ही जा कर डॉ. से बात चीत की /डॉ. उसके जज्बात और हिम्मत देखकर हैरान रह गए फिर उन्होंने उसे समझाया भी की बहुत बड़ा operation होगा जो १६ घंटे चलेगा और operation के बाद जो काफी risky भी है और तुम्हारे पेट को काटने से उस पर एक हमेशा के लिए बड़ा सा निशान भी बन जाएगा /उसे तरह तरह से समझाया की उस की जान भी जोखिम में पड़ सकती है परन्तु वो बहादुर बेटी बिलकुल नहीं घबराई ना डरी और अपने पापा के लिए उसने ना अपनी जान की और ना इतने बड़े operation की परवाह की और वो अपने
ही जा कर डॉ. से बात चीत की /डॉ. उसके जज्बात और हिम्मत देखकर हैरान रह गए फिर उन्होंने उसे समझाया भी की बहुत बड़ा operation होगा जो १६ घंटे चलेगा और operation के बाद जो काफी risky भी है और तुम्हारे पेट को काटने से उस पर एक हमेशा के लिए बड़ा सा निशान भी बन जाएगा /उसे तरह तरह से समझाया की उस की जान भी जोखिम में पड़ सकती है परन्तु वो बहादुर बेटी बिलकुल नहीं घबराई ना डरी और अपने पापा के लिए उसने ना अपनी जान की और ना इतने बड़े operation की परवाह की और वो अपने
निर्णय पर अडिग रही /फिर उसने इंटर-नेट और अपने चाचा जो एक डॉ.हैं से लीवर ट्रांसप्लांट के बारे में सब कुछ समझ लिया और अपने को इस operation के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से पूरी तरह तैय्यार कर लिया और बड़ी हिम्मत से इतने बड़े operation का सामना किया /भगवान् भी उस बेटी की त्याग की भावना और हिम्मत के सामने हार गए और operation सफल हुआ और उसके पिता को दूसरा जीवन मिला /भगवान् ऐसी बेटी हर घर में दे जिसने अपने पिता के लिए इतना बड़ा त्याग किया जो शायद दस बेटे मिलकर भी नहीं कर सकते थे /और वो हमारे देश की सबसे कम उम्र की लीवर डोनर भी बन गई / यह हम सबके जीवन की अविस्मरनीय घटना है जिसको याद करके आज भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं /आज वो बेटी इंजिनियर बन गई है और Infosys जैसी multi-national कंपनी में काम कर रही है /उसके पापा बिलकुल ठीक हैं और एक सामान्य जीवन जी रहे हैं /
ऐसी प्यारी बेटी को में नमन करती हूँ और आप सभी का भी उसकी आने वाली जिंदगी के लिए आशीर्वाद चाहती हूँ /और यह कहना चाहती हूँ की बेटे की चाह में बेटी को गर्भ में मत मारो क्योंकि दिशा जैसी बेटियां अपने माता पिता के लिए अपनी जान की भी परवाह नहीं करतीं /उनमे से कौन सी बेटी दिशा बन जाए क्या पता /उसके बाद उसे अपने पापा की हालत से प्रेरणा मिली और दूसरों की परिस्थिति समझने का जज्बा मिला जिसके कारण उसने eye donation कैंप में जा कर अपनी आंखें दान करने का फार्म भरा /दिशा को तथा उसके माता पिता को भगवान् हमेशा खुश ,स्वस्थ एवं सुखी रखे बस यही कामना है /
ऐसी करोड़ों में एक अनोखी बेटी को ,मेरा शत शत नमन आशीर्वाद /
ऐसी करोड़ों में एक अनोखी बेटी को ,मेरा शत शत नमन आशीर्वाद /
दिशा अपने मम्मी पापा (श्री मनोज वर्मा)और बहन के साथ
operation के एक साल बाद
happy family
17 टिप्पणियां:
आपकी पोस्ट अच्छी है।
बेटी की बहादुरी और मुहब्बत बेमिसाल है लेकिन इसके लिए यह कहना ठीक नहीं होगा कि भगवान हार गया जैसा कि इस पोस्ट में कहा गया है बल्कि यह कहना सही होगा कि इरादे बुलंद हों तो मुसीबतें हार मान जाती हैं।
भगवान के बारे में किसी भी हालत में ऐसा मत बोलो जो कि उसकी बुलंद शान के खि़लाफ़ हो।
वह हमारे जीवन में कुछ चुनौतियां इसलिए भेजता है ताकि हम उन पर विजय पाकर ख़ुद को निखार सकें।
हौसले की दाद देनी पड़ेगी. बेमिसाल.........
betiyan kisi se kam nahi bahut badi misaal hai aapki is post me bahut achcha likha hai aapne kaash sabhi is baat ko samjhe ki betiya bahut pyaari hoti hain beton se kisi bhi baat me peeche nahi aaj ke yug me betiyon ki durdasha ki asli jad dahej pratha hai aur koi karan nahi.usko hi jad se khatm karna hoga.
दिशा ने जो करके दिखाया वो कोई बेटा भी कर नहीं सकता! अपने पापा को बचाने के लिए दिशा ने अपनी जान जोखिम में डाल दिया और भगवान की आशीर्वाद से एवं दिशा की साहस से उसके पापा को एक नयी ज़िन्दगी मिली ! आज बुजुर्गों के आशीर्वाद से दिशा इतनी अच्छी नौकरी कर रही है! सही कहा है आपने की दिशा जैसी बहादुर बेटी हर घर में होना चाहिए!
मेरे नये पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
http://seawave-babli.blogspot.com/
thanks aaj apka ye blog open ho gaya. pahle bhi ek bar is blog ko open karne ki koshish jo nahi khula tha.
sach me betiyan kisi se kam nahi hain...bas logo me is baat ki jagriti lani hogi. shahri to jaan rahe hain is baat ko aur maan bhi rahe hain lekin gramin ise gale se nahi utar pate.
sunder post.
ऐसी बेटी को सलाम
ऐसी बहादुर बेटी को कोटि-कोटि नमन .
भगवान सभी को ऐसी बेटी दे.
www.apkinews.blogspot.com
www.pranamparyatan.blogspot.com
www.indurhindisamitinzb.blogspot.com
www.bolhslla.blogspot.com
प्रदीप श्रीवास्तव
निज़ामाबाद
इस बहादुर और त्यागमयी कन्या को मेरा आशिर्वाद है,इसने तो ऐसा कार्य किया जो दिव्य और सर्वगुण से युक्त है।
शानदार
बेस्ट ऑफ़ 2011
चर्चा-मंच 790
पर आपकी एक उत्कृष्ट रचना है |
charchamanch.blogspot.com
बेमिसाल।
नमन है ऐसी बेटी को।
आभार आपका..... इस किस्से को साझा करने के लिए।
बेटियाँ ऐसी भी होती है,बेमिसाल ,,,,,
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ
RECENT POST ...: पांच सौ के नोट में.....
कल 12/08/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
दिशा के लिए शुभकामनायें .... बेटियाँ ऐसी ही होती हैं ....
aapki post bahut acchi hai sach mai betiyaan anmol hoti hai yah bada jigar unke paas hi hota hai naman us beti ko bhi ....bejod , kash garbh me marne wale yah samajh saken ki betiyaan bhi beto se kam nahi hai
जितना भी कहा जाए कम है ...भगवान ऐसा होसला सब को दे
नमन है ऐसी बेटी को........
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