हमारा देश महान
हमारा देश महान, कहना कितना आसान
चारों तरफ चोरबाजारी ,कालाबाजारी ,भ्रस्टाचारी है पनप रही
मिलावटी वस्तुओं की बिक्री आराम से हो रही
इंसान की जिन्दगी से खेलना
यहाँ कितना आसान
फिर भी हमारा देश महान
औरतों को देवी कहते हैं
पर उसकी इज्जत सरेआम उछाल देतेहैं
बच्चियां ,लडकियां,औरतें घर मैं तक सुरक्षित नहीं जहां
अत्याचार करना,तेज़ाब फेकना,नहीं तो गोली मार देना
यहाँ कितना आसान
फिर भी हमारा देश महान
महंगाई इतनी बढ़ रही
गरीबों को दाल-रोटी भी खाना मुश्किल पड़ रही
किसान कर रहे आत्महत्या जहां
किसी की भी नहीं सुनवाई यहाँ
यहाँ कितना आसान
फिर भी हमारा देश महान
जो सोच रहें हैं सिर्फ अपनी भलाई
देश की सब तरफ से हो रही तबाही
गुंडों,चोरों का साम्राज्य जहां
नेताओं के लिए नहीं कोई कानून यहाँ
उनके लिए कोई भी कानून तोड़ना
यहाँ कितना आसान
फिर भी हमारा देश महान
6 टिप्पणियां:
देश की हालत से व्यथित है मन ...
सुंदर कविता के माध्यम से अपने उदगार व्यक्त किये हैं ...!!
बधाई ..!!
शत-प्रतिशत सही कहा आपने.
सादर
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भ्रम की परतें उधड़ रही हैं
सही बात बताइ आपने. लेकिन ऐसे निराश होने से क्या होगा? हमारा देश है. उसे बचाना और बनाना हमारा ही जिम्मा है. कोशीश जारी रखो, फल अवश्य मिलेगा.
देश कि हालत को बखूबी बयां करती सुंदर कविता. गंभीर चिंतन का विषय उठाया है आपने. बधाई.
सही और सटीक व्यंग किया है आपने अपनी कविता में. very nice.
Yes our country is real great only...east or west india is the best:-)
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