आज मेरी माँ के जन्मदिन के शुभअवसर पर ये रचना मैं अपनी माँ को समर्पित कर रहीं हूँ /भगवान् उनको दीर्घायु प्रदान करे /
मेरी प्यारी माँ
दुनिया मैं सबसे न्यारी है मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
भगवान् पर बहुत विस्वास करती है मेरी माँ
इसीलिए कैसी भी परिस्थिति मैं घबराती नहीं मेरी माँ
बिलकुल देवी-स्वरूपा है मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
अपनी दिनचर्या ,अपने मैं ही ब्यस्त रहती है मेरी माँ
सबमे अच्छाई देखती ,कभी किसी की बुराई नहीं करती मेरी माँ
हमेशा अच्छी सीख ,अच्छे सस्कार देती है मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
दिल मैं बहुत प्यार है पर जताती नहीं मेरी माँ
मन के भावों को शब्दों मैं ब्यक्त नहीं कर पाती मेरी माँ
इसीलिए गलतफमी की शिकार बन जाती है मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
हमेशा सजीं संवरी,एक मनमोहक ब्यक्तित्व है मेरी माँ
अपनी सुंदरता का अभी भी बहुत ख्याल रखती है मेरी माँ
मेरे लिए तो मेरा आदर्श मेरी दुनिया है मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
भगवान् हर जनम मैं इन्हें ही बनाए मेरी माँ
इतनी दीर्घायु दे की कभी ना बिछड़े मुझसे मेरी माँ
हमेशा आशीर्वाद और प्यार से गले लगाती रहे मेरी माँ
बहुत सुंदर बहुत प्यारी है मेरी माँ
12 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर शब्द रचना.
माँ को लेकर बहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने.
बहुत आभार.
आपको हार्दिक शुभ कामनाएं !
आंटी को जन्मदिन की ढेर साडी शुभकामनाएं|और तुम्हें भी |
बहुत ही सुंदर भाव में शब्दों को पिरोकर माँ को ये ऊपहार दिया है...माता जी को हमारी और "साहित्य प्रेमी संघ" की ओर से भी जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं...और आपको भी बधाई और शुभकामनाएं।
Di Good one. apne buaji ke bare mail bilkul sahi likha. Ma, cheez he aise hoti hai jo apne se jyada, apne bachoo ka khayal rakati hai.
एक एक पंक्ति प्रभावित करती है.
सादर
बहुत सुन्दर शब्द रचना | धन्यवाद|
आपको हार्दिक शुभ कामनाएं|
Happy Birthday to your Mamma!
विवेक जैन vivj2000.blogspot.com
bahut sunder rachna ...
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.
काफी भावपूर्ण और दिल को छु गई प्रेरणा जी
साधुवाद
योगेश अमाना
बहुत सहज और गहरी रचना......आप बहुत सुंदर लिखती हैं...
माताजी का मौन आपकी लेखनी से कविता बनकर यूं ही बहता रहे ऐसी शुभकामनायें.....
माताजी को हार्दिक बधाइयां....
मां तो सबसे प्यारी होती है। उनको जन्मदिन की शुभकामनायें।
आप अपने चिट्ठे पर पुराने लेखों का ब्योरा क्यों नहीं लगाती ताकि लोगो को पता चल सके कि आप कब से लिख रही हैं और कितना लिखती हैं।
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