रविवार, 19 दिसंबर 2010

SAJAN

sajan

मेरे जीवन की बहार हो तुम 
 मेरी बिंदिया,कुमकुम,गहना 
सारा श्रृंगार हो तुम 
मेरे तन-मन के हर एहसास
के कद्रदान हो तुम 
मेरे सपनों, भावनाओं ,अरमानों 
से ना अनजान हो तुम 
मेरे साजन, मेरे प्रियतम ही नहीं 
मेरे तो भगवान् हो तुम  

1 टिप्पणी:

$$~Place of Love~$$ ने कहा…

bahut hi sundar likha hai ji aapne
dil ko chu lene wala