सोमवार, 2 मई 2011

नया ज़माना

नया ज़माना 
पुराने दीवानों का प्रेम अब पुराना अफ़साना हो गया 
नए दीवानों का प्रेम अब नया फसाना हो गया 
वो हया से झुकी नजरें ,और लाल होते रुखसारों 
का अंदाज पुराना हो गया 
बेहयाई से गलबहियां डालकर घुमना 
अब नया ज़माना हो गया 
हाले दिल बयां करते प्रेम पत्रों को बहानों से भेजने 
का अंदाज पुराना हो गया 
इ-मेल ,और मोबाईल सन्देश से हाले दिल बयां करना 
अब नया ज़माना हो गया 
वो छुप-छुप के नजरें मिलाना ,दिल ही दिल मैं आहें भरने 
का अंदाज पुराना हो गया 
मोबाईल है सबके पास ,पल-पल होती प्यार की बात 
अब नया ज़माना हो गया 
बड़ों की इज्जत करना ,चुपचाप उनके आदेश का पालन करने
का अंदाज पुराना हो गया
बड़ों की बेइज्जती करना ,आँखों मैं आखें डालकर बहस करना
अब नया ज़माना हो गया 
भारतीय संस्कृति ,भारतीय सभ्यता को अपनाने 
का अंदाज पुराना हो गया 
पश्चिमी संस्कृति .पश्चिमी सभ्यता मैं रंगना 
अब नया जमाना हो गया 
काश कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन 

17 टिप्‍पणियां:

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

सच कहा आपने यही है आज का नया ज़माना.

सादर

श्यामल सुमन ने कहा…

विश्लेषण से आपने खींची जो तस्वीर।
सुमन प्रेरणा ले अगर बदलेगी तकदीर।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com

Anupama Tripathi ने कहा…

भावपूर्ण रचना .....!!
सच में ऐसा ही लगता है ..
कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ...!!

जयकृष्ण राय तुषार ने कहा…

बहुत ही सुंदर कविता बधाई और शुभकामनाएं |

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

sapash anter chitrit kar diya apki rachna ne. sach me naye jamane aur purane jamane me bahut fark hai. sunder rachna.

daanish ने कहा…

मन के सुन्दर भाव
कल्पना की सुन्दर उड़ान
सुन्दर रचना .

संजय भास्‍कर ने कहा…

आज का नया ज़माना...भावपूर्ण रचना

संजय भास्‍कर ने कहा…

वाह पहली बार पढ़ा आपको बहुत अच्छा लगा.
आप बहुत अच्छा लिखती हैं और गहरा भी.
बधाई.

amit kumar srivastava ने कहा…

भावनात्मक परंतु सच । बहुत खूब ।

Patali-The-Village ने कहा…

बहुत ही सुंदर कविता बधाई और शुभकामनाएं |

Nishant ने कहा…

गुज़रा हुआ ज़माना, आता नहीं दोबारा.

हाय रे वो दिन क्यों न आए.

वो बीते दिन याद हैं.

Yogesh Amana Yogi ने कहा…

बहुत सुंदर
सादर
योगेश अमाना

deepti sharma ने कहा…

नया जमाना हो गया
बहुत ही सही कहा आपने
सुंदर रचना

Kunwar Kusumesh ने कहा…

भारतीय संस्कृति ,भारतीय सभ्यता को अपनाने
का अंदाज पुराना हो गया
पश्चिमी संस्कृति .पश्चिमी सभ्यता मैं रंगना
अब नया जमाना हो गया

सही कहा आपने

Shalini kaushik ने कहा…

bahut achchha likha hai aapne prerna ji kintu beete din to ab koi bhi nahi lauta sakta.

मनोज अबोध ने कहा…

सुन्‍दर रचना... बहुत बहुत बधाई ।।।।

Nisha Mittal ने कहा…

सोच बदली ,समय बदला और बदला और बदल गया सब कुछ बहुत अच्छे शब्दों में अंतर प्रदर्शित किया है.